बॉलीवुड के तालाब में रहने के तरीके
बॉलीवुड के तालाब में रहने के तरीके : बॉलीवुड की तरह कई इंडस्ट्री अति-प्रतिस्पर्धा का शिकार हैं, जो मानसिक सेहत पर असर डालती है। एक सफल और युवा फिल्म सितारे सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया है। सोशल मीडिया, टीवी चैनल, वाट्सएप विभिन्न अनुमानों से भरे पड़े हैं। तथ्य यह है कि हम नहीं जानते क्या हुआ। ऐसी स्थिति में किसी पर आरोप लगाना या अनुमान लगाना समझदारी नहीं है। हालांकि, इस घटना से बॉलीवुड की संस्कृति पर और मानसिक सेहत पर इसके असर को लेकर बहस शुरू हो गई है। यह समस्या न सिर्फ बॉलीवुड में, बल्कि किसी भी अति-प्रतिस्पर्धी इंडस्ट्री में आ सकती है। अति-प्रतिस्पर्धी यानी होड़भरे माहौल का सामना कैसे करें: बॉलीवुड में कोई सीईओ नहीं है और हर कोई यहां बने रहने के लिए संघर्ष कर रहा है। कई लोगों को लगता है कि कोई बॉलीवुड कंपनी है और इसमें काम करना यूनीलिवर में काम करने जैसा है। ऐसा नहीं है। यहां सिर्फ कुछ शक्तिशाली लोग हैं, जिनका कुछ समय के लिए बोलबाला रहता है। यह पूंजी और हुनर को साथ लाकर फिल्म प्रोजेक्ट तैयार करने की उनकी क्षमता से आता है। पिछली उपलब्धियां ये प्रभाव बनात